निगाहों

निगाहों

माँ से रिश्ता ऐसा बनाया जाऐ,
जिसको निगाहों में बिठाया जाऐ,
रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसे कि,
वो अगर उदास हो तो हमसे भी,
मुस्कुराया ना जाऐ |


शतरंज

शतरंज

पिता हारकर बाज़ी ,
हमेशा मुस्कुराया,
शतरंज की उस जीत को,
मैं अब समझ पाया I
Happy Father's Day